रिपोर्ट @संतोष कुमार मिश्रा
उमरिया --- उमरिया जिले के आदिवासी विकास खंड पाली में दो प्राथमिक चिकित्सालय स्थापित हैं, लेकिन जिला प्रशासन के लापरवाही के चलते इस चिकित्सालय का लाभ आदिवासी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। जन जन तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचाने के लिए मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए पानी की तरह पैसा बहा रही है,गाँव - गाँव तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुचाने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं वही दूसरी ओर देखा जा रहा है कि जिम्मेदार अधिकारी ग्रामीण अंचलों की सेवाओं को अपने फरमान से बाधित करते देखे जा रहे हैं। ऐसा ही संवेदनशील मामला आदिवासी विकास खंड के स्वास्थ्य सेवाओं में देखने में आया है।
विदित होवे की पाली विकास खंड में बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए आदिवासी अंचल के चौरी और जमुडी में प्राथमिक चिकित्सालय की स्थापना आज के पांच दशक पूर्व की गयी थी, लेकिन यह दोनों चिकित्सालय तब से आज तक विभाग के अनदेखी का शिकार हो कर रह गई है।
आश्चर्य जनक कहा जाता है की कहने के लिए इन प्राथमिक चिकित्सालय में शासन व्दारा नियमित चिकित्सक पदस्थ किये गए हैं, लेकिन यह चिकित्सक कभी भी पदांकित प्राथमिक चिकित्सालय नहीं जाते। जिससे आदिवासी चिकित्सालय की व्यवस्था चरमराई हुई हैं।
इस तरह देखा जाये तो जिला चिकित्सालय में पदस्थ मुख्य चिकित्सा अधिकारी की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। बताया जाता है की चौरी प्राथमिक चिकित्सालय में शुभम साकेत और जमुडी प्राथमिक चिकित्सालय में पवन दीपांकर को पदस्थ किया गया है, लेकिन दोनो चिकित्सक कभी चिकित्सालय नहीं जाते। इस बात की जानकारी होने के बाद भी जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस ओर से ध्यान नही देना लापरवाही का परिचायक है। बताया जाता है की इन चिकित्सकों के लिए अस्पताल में ही आवासीय भवन भी उपलब्ध कराया गया है, फिर भी शुभम साकेत के नाम पर एक आवास सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाली में उपलब्ध कराया गया है, जिससे दोनों चिकित्सक पाली में ही हरदम मौज मस्ती करते देखे जाते हैं। इतना ही नहीं इन चिकित्सकों को राहत पहुंचाने के लिए पहले शुभम साकेत को खंड चिकित्सालय में बी एम ओ और अब पवन दीपांकर को आर एम ओ बना दिया गया है। एक चिकित्सकीय चिकित्सकों को मुख्यालय से बाहर किसी तरह के अतिरिक्त प्रभार नहीं देना चाहिए,फिर प्रभार के नाम पर दी जाने वाली रियायत अस्पताल में ताला लगाने जैसी स्थिति पैदा कर रही।
अपेक्षा है कि उच्च प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चिकित्सकों को अस्पताल में सेवा करने, उपस्थित रहने के आवश्यक पहल करेंगे ।
इनका कहना है ---
मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी पाली से जब इस बिषय पर जानकारी चाही गयी, तो उनका कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्दो के चिकित्सकों को पाली में अटैच कर लिया गया है।
पी एल सागर
मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी पाली
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