रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग
अमलाई। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महत्वपूर्ण स्टेशनों में शामिल अमलाई रेलवे स्टेशन आज भी उन मूलभूत सुविधाओं से वंचित है, जिनकी जरूरत यात्रियों को सबसे ज़्यादा होती है। अमलाई ओरिएंट पेपर मिल व कास्टिक सोडा फैक्ट्री के नाम से जाना जाने वाला यह क्षेत्र औद्योगिक पहचान रखने एवं कोलमाईनस छेत्र के बावजूद रेलवे की बुनियादी सुविधाओं की कमी से लगातार जूझ रहा है।
जिसमे जबलपुर टू अंबिकापुर ट्रेन का अमलाई रेलवे स्टेशन में न रुकना व कई बड़े ट्रेन का स्टापेज़ न होना प्लेटफॉर्म पर डिस्प्ले बोर्ड न होने के कारण यात्रियों को कोच की सही जानकारी नहीं मिल पाती और ट्रेन आते ही लोग इधर-उधर कोच तलाशते हुए भागते नजर आते हैं।
डिस्प्ले बोर्ड के अभाव में कई यात्री गलत दिशा में खड़े रह जाते हैं, जिससे ट्रेन रुकते ही अचानक भीड़ बढ़ने पर धक्का-मुक्की की स्थिति बन जाती है। कई बार इस अफरा-तफरी के दौरान यात्री चोटिल भी हुए हैं, लेकिन इसके बाद भी रेलवे विभाग की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के लिए यह स्थिति और अधिक खतरनाक बन जाती है, क्योंकि उन्हें समय पर सही कोच तक पहुंचने में कठिनाई होती है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अमलाई रेलवे स्टेशन वर्षों से बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है, जबकि यह बिलासपुर–कटनी रेलखंड के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म वाले स्टेशनों में से एक है। लोगों द्वारा लंबे समय से डिस्प्ले बोर्ड लगाने की मांग की जा रही है, लेकिन विभाग की उदासीनता के चलते समस्या जस की तस बनी हुई है।
यात्रियों का कहना है कि आसपास के छोटे स्टेशनों तक में आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा चुकी हैं, लेकिन अमलाई जैसे महत्वपूर्ण स्टेशन को आज भी डिस्प्ले बोर्ड जैसी अनिवार्य सुविधा से वंचित रखना समझ से परे है।
अमलाई की जनता ने रेलवे प्रशासन और महाप्रबंधक से मांग की है कि प्लेटफॉर्म पर जल्द से जल्द डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएँ, ताकि यात्रियों को सही जानकारी मिल सके, भीड़ और अव्यवस्था कम हो सके, और ऐसी घटनाओं से यात्रियों को सुरक्षा मिल सके।


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