रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग
दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही एचएमएस के खिलाफ जंग में पहले 52 में से 31 लोग थे, आज 52 में से 38 की संख्या इस्तीफे की ओर बढ़ गई है।
एचएमएस यूनियन रामपुर के बढ़ते असंतोष के बीच 52 में से 38 कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। यह इस बात का संकेत है कि यूनियन के नेतृत्व में गंभीर समस्याएं उभर के आ रही हैं जिन्हें जल्द से जल्द हल किया जाना चाहिए। रामपुर बटुरा ओ.सी.एम एस.ई.सी.एल में एचएमएस यूनियन की तानाशाही के खिलाफ यह बड़ा फैसला लिया गया है। यूनियन के नेताओं की कार्यशैली से असंतुष्ट कर्मचारियों ने इस्तीफा देने का फैसला किया है।
इस मामले में यह भी बताया जा रहा है कि एचएमएस यूनियन की नई कार्यकारिणी की घोषणा करने से पहले किसी भी सदस्य, अध्यक्ष और सचिव से चर्चा किए बिना पूरी कार्यकारिणी बदल दी गई। इससे यह स्पष्ट होता है कि यूनियन के नेता अपने सदस्यों की राय और भागीदारी को महत्व नहीं देते हैं।
सूत्रों की मानें, तो 38 में से 19 लोगों ने बीएमएस जॉइन करने का आश्वासन बीएमएस के पदाधिकारियों को दिया है, जो कि सत्यापन के समय एचएमएस के खिलाफ हुए इस हल्ला बोल की आग को और भी तेज करेगा और देखने को मिलेगी कि एचएमएस देखते देखते क्षेत्र में चौथे नंबर में है, जो कि उनके क्षेत्रीय पदाधिकारियों की तानाशाही और परिवारवाद की राजनीति के कारण है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि एचएमएस यूनियन इस स्थिति से कैसे निपटती है और अपने सदस्यों की चिंताओं को कैसे दूर करती है। क्या यूनियन अपने नेतृत्व में बदलाव करेगी या फिर अपनी वर्तमान कार्यशैली को जारी रखेगी? यह सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं।
0 Comments