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कोतमा वन परिक्षेत्र के टांकी बीट में कट गए सैकड़ों हरे-भरे पेड़, वन विभाग बना रहा मूकदर्शक

 


रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग

बिजुरी। जिले के वन मंडल अनूपपुर वन परिक्षेत्र कोतमा वन परिक्षेत्र अंतर्गत टांकी बीट के घने जंगलों में इन दिनों हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई जोरों पर है। क्षेत्र के स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि कीमती पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई हो रही है, लेकिन वन विभाग इस पूरे मामले में मूकदर्शक बना हुआ है। यह स्थिति न केवल जंगल की जैव विविधता को खतरे में डाल रही है, बल्कि वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास पर भी गंभीर प्रभाव डाल रही है।

सूत्रों के अनुसार, बीते कुछ सप्ताहों में कोतमा वन परिक्षेत्र के टांकी बीट में घने जंगल में सरई के कीमती पेड़ों की अवैध कटाई बढ़ गई है। लकड़ी माफिया रात के अंधेरे में पेड़ों को काटते हैं और ट्रैक्टर व अन्य वाहनों की मदद से जंगल से बाहर ले जाते हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार इस गतिविधि की सूचना वन अमले को दी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। इससे यह संदेह पैदा होता है कि कहीं न कहीं वन विभाग की मिलीभगत भी इस अवैध गतिविधि में हो सकती है।

कोतमा वन परिक्षेत्र का यह जंगल क्षेत्र जैविक विविधता के लिहाज से बेहद समृद्ध माना जाता है। यहां पर बाघ, तेंदुआ, हिरण, भालू, जंगली सूअर जैसे कई वन्य प्राणी निवास करते हैं। लगातार हो रही पेड़ों की कटाई से इनके रहवास क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की आशंका भी बढ़ गई है।

वन विभाग की निष्क्रियता पर सवाल उठते हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। साथ ही, जंगल की सुरक्षा के लिए गश्ती दलों की संख्या बढ़ाने, सीसीटीवी कैमरे लगाने और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से निगरानी तंत्र मजबूत करने की जनापेक्षा है।

यह आवश्यक है कि सरकार और वन विभाग मिलकर इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लें। यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह क्षेत्र आने वाले वर्षों में अपनी हरियाली और जैव विविधता खो सकता है, जिसका नुकसान संपूर्ण पर्यावरण को भुगतना पड़ेगा।


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