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अपनी मर्जी चला रही अनूपपुर थर्मल एनर्जी मध्यप्रदेश प्राइवेट लिमिडेट कम्पनी

 


रिपोर्ट @अजय रस्तोगी

किसानों की मांगे नहीं की पूरी और कर दिया कार्य प्रारंभ
सैकड़ो किसानों ने जेसीबी के सामने लेटकर रोका कार्य
तो क्या ग्रामीणों की आशाओं और सपनों को रौंद कर बनेगा अडानी का थर्मल एनर्जी प्लांट



इन्ट्रो- 27 मई मंगलवार को छतई, मंटोलिया और उमरदा के किसानों ने जनसुनवाई में पहुंच कलेक्टर को लिखित आवेदन देते हुये अवगत कराया कि जनपद पंचायत कोतमा अंतर्गत वेलस्पन एनर्जी प्रा.लि. कंपनी द्वारा किसानों से वर्ष 2012 में करारनामा किया गया था, जिसके बाद कंपनी ने अपनी परियोजना संचालित नही की थी। कंपनी और किसानों की बीच अगर बात नही बनती है और किसानों की मांग पूर्ण नही किया जाता है तो निश्चित ही भेदभाव पैदा होंगे। जब तक मांग पूरी नहीं होती तब तक किसानों को अपने भूमि पर खेती करने से न रोका जाये अगर किसान खेती करता है और कंपनी के द्वारा किसी प्रकार की व्यवधान पैदा करती है तो किसानो और कंपनी के बीच में कुछ अनुचित होता है तो उसकी पूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
अनूपपुर। अनूपपुर थर्मल एनर्जी मध्य प्रदेश प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी द्वारा वेलासपन कंपनी से किसानों की अधिग्रहित की गई भूमि को लेने के बाद जनसुनवाई के चौथे सप्ताह से ही अपना कार्य मशीनों के माध्यम से शुरू कर दिया है जिसको लेकर छतई और उमरदा के ग्रामीण किसानों द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है। जनसुनवाई में कलेक्टर के समक्ष पहुंचकर पहले किसानों ने अदानी कंपनी द्वारा नए करारनामा किए जाने की मांग रखी तो वेलस्पन द्वारा किसानों को दिए गए वादा खिलाफी को लेकर जमकर आक्रोश बरस रहा है। किसानों की मांग है कि वेलासपन कंपनी द्वारा भूमि अधिग्रहित के समय से आज दिनांक तक का पूरा भत्ता किसानों को दिया जाए। 2021 से बंद की गई पेंशन को भी किसानों के लिए शुरू किया जाए इसके साथ ही किसानों का कहना है कि हमने अपनी भूमि वेलासपन कंपनी को दी थी जिससे हमारा करारनामा हुआ था। अदानी ने वेलस्पन कंपनी से भूमि अधिग्रहित की है जिस पर किसानों का नया करारनामा किया जाना चाहिए।
कंपनी और प्रशासन के सांठगांठ से मायूस किसान
2012 से किसानों की भूमि अधिग्रहित होने के बाद से अब तक बहुत से किसान खेती किसानी से दूर हो चुके हैं और बहुत से किसान रोजगार न मिलने के कारण गरीबों के निम्न स्तर तक पहुंच गए हैं। लगातार प्रशासन से गुहार लगाने पर प्रशासन कंपनी का पक्ष ले रही है जिस कारण से अब किसान कंपनी और प्रशासन की सांठगांठ से मायूस हो चुका है। किसानों का कहना है कि मध्य प्रदेश के इतने बड़े प्रोजेक्ट किसानो की खेतिहर भूमि में खोला जा रहा है। उसके आवाज में 15 वर्षों से अब तक एक भी किसान को रोजगार नहीं मिला है प्रशासन अपने ही नियम कंपनी पर लागू करने में सक्षम नहीं है जिससे किसानों के अधिकार खंडित हो रहे हैं। किसने की मनुष्य की सबसे बड़ी वजह यह है कि करोना काल के बाद से वेलासपन कंपनी ने भी किसानों से अनौपचारिक रूप से नाता तोड़ लिया था, जिससे किसान दर-दर भटकने को मजबूर हो गए हैं।
शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से कोसों दूर किसान
किसान के विरोध की सबसे बड़ी वजह शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार भूमि अधिग्रहण के बाद भी ना मिलना है। वर्षों से रोजगार के इंतजार में बैठे हुए युवा अब बूढ़े हो चुके हैं। 15 वर्षों में महंगाई अपने चरम पर है युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी समाप्त हैं लेकिन भूमि अधिग्रहण के बाद कंपनी की वादा खिलाफी ने किसानों की रीढ़ की हड्डी तोड़ रखी। वास्तव में क्षेत्र के विकास के लिए आई हुई कंपनी अब क्षेत्र के विनाश का कारण बन रही है पहले वेलस्पन अब अडानी की कंपनी नए स्वरूप पर किसानों को शोषण करने का मास्टर प्लान बना रही है। प्रभावित ग्रामीण इलाके में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का आज भी बदहाली की मार झेल रहा है। शिक्षा के नाम पर एक स्कूल तो कंपनी ने खोला था लेकिन उसे पर लगाई गई फीस से अब ग्रामीणों का मन भी भर गया है। 15 वर्षों से रोजगार का तो नाम निशान ही मिट गया है किसान अपने बच्चों को कड़ी मजदूरी कर पालन पोषण करने को मजबूर है।
जनसुनवाई में हंगामा फिर भी जनसुनवाई को दिखाई हरी झंडी
थर्मल पावर मध्य प्रदेश प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए पर्यावरण विभाग द्वारा पर्यावरण स्वीकृति के लिए बुलाई गई बैठक भले ही कागजों में पूरी हो गई हो लेकिन उक्त दिनांक बुलाई गई जनसुनवाई ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों के नजरिया से आज भी अधूरी है वास्तव में उक्त दिनांक को हुए विवाद के कारण जनसुनवाई पूरी तरह से नहीं हो पाई थी और पर्यावरण को लेकर किसी प्रकार की चर्चा जनसुनवाई में नहीं की गई जिस कारण से ग्रामीण और आसपास के जनप्रतिनिधि उक्त जनसुनवाई को कागजी फोरम पूरा करना और प्रशासन का आंख मूंद कर कंपनी को सहयोग देने का आरोप लगा रहे हैं।
किसानों ने कार्य को कराया बंद
अनूपपुर थर्मल एनर्जी मध्यप्रदेश प्राइवेट लिमिडेट कम्पनी के द्वारा छतई मंटोलिया और उमरदा के किसानों की मांग पूरा किये बिना ही निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा था जिससे नाराज सैकड़ो किसानों ने जेसीबी के सामने सो कर जेसीबी को रोकते हुये कार्य को बंद कराया। किसानों का कहना है कि जब तक किसानों की मांग पूरी नही होती है तब तक अनूपपुर थर्मल एनर्जी का कार्य नही करने दिया जायेगा, जिसके बाद मौके पर बिजुरी नायाब तहसीलदार के साथ बिजुरी थाना प्रभारी अपने टीम के साथ पहुँच कर किसानों को समझाइश दी।


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