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शासन  के आदेश  के बावजूद  निजी स्कूलों की मनमानी, विक्रेताओं  को पाठ्य पुस्तकों  की सूची देने में आनाकानी  

 


रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग

 नियमों को ताक पर रख चल रहे विद्यालय, संचालक मालामाल

अनूपपुर।  लिटिल स्टेप स्कूल के विरुद्ध अनमोल ट्रेडिंग  के संचालक ने कलेक्टर को दी  लिखित शिकायत अनूपपुर।.जिला मुख्यालय अनूपपुर के तिपान नदी के पास संचालित लिटिल स्टेप स्कूल प्रबंधन पर पुस्तक वितरण में अनियमितता के आरोप लगे हैं। शिकायतकर्ता ने बताया कि स्कूल ने जानबूझकर किताबों की सूची देर से जारी की, जबकि एक दुकान को पहले ही सूची देकर स्टॉक मंगवा लिया गया। इससे अन्य विक्रेताओं और अभिभावकों को परेशानी हो रही है, साथ ही बताया गया कि अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। विद्यालय के संचालक  ने कुछ चुनिंदा  दुकानदारों  को लाभ  पहुंचाने का काम किया है। जिससे विद्यालय की साख गिर रही हैं। प्रबंधन एनसीईआरटी की किताबों के साथ दूसरे अन्य पब्लिकेशन की महंगी किताबें चला रहा  है जिससे छात्र-छात्राओं के माता पिता महंगे पुस्तक खरीदने पर मजबूर हैं, जबकि प्रशासन ने  एनसीईआरटी की सस्ती किताबें चलाने का आदेश दिया था। इस तरह का मनमाना पूर्ण रवैया से अभिभावक परेशान हो रहे हैं। इस मामले पर कलेक्टर से कार्यवाही की मांग की है 
क्या  है  आदेश 


 इस  वर्ष 17  मार्च 2025 को जिला शिक्षा अधिकारी अनूपपुर द्वारा जारी एक आदेश में  निजी स्कूलों में पाठ्यपुस्तकों, यूनिफार्म एवं अन्य शैक्षणिक दस्तावेज  और फीस वृद्धि की जानकारी वेबसाइट में अपलोड कर पावती , उसके प्रमाण शिक्षा कार्यालय को उपलब्ध कराया  जाय।   सामग्री के क्रय हेतु पालकों पर अनुचित दबाव न बनाया जाए इस  निर्देश के पालन में अशासकीय विद्यालयों को हिदायत भी दी गयी थी साथ निजी विधालयों को यह भी  निर्देश दिया गया था कि उनके संस्था में चलाई जाने वाली पाठ्य पुस्तक तथा मुख्य विषय के अलावा जो सहायक विषय के पुस्तकें चलाई जाती है जैसे मोरल साइंस ड्राइंग बुक ग्रामर व्याकरण आदि की जानकारी अपने स्थानीय सभी दुकानदारों को उपलब्ध कराकर दुकानदार की पावती जो कि मोहर लगा हुआ हस्ताक्षर सहित हो  कार्यालय को 15 दिवस के अंदर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। यदि  विद्यालय ऐसा नहीं करता है और  पुस्तकें डेस एवं अन्य सामग्री संस्था द्वारा बेचे जाने की शिकायत या निरीक्षण के दौरान प्राप्त होती  है तो संस्था के विरुद्ध एफआईआर कराई जाएगी एवं कठोर कार्रवाई की जायेगी उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी सन 2014 में इसी तरह के आदेश भी दिए गए थे इस वर्ष  फिर विद्यालय संचालको के मनमानी के विरुद्ध शिक्षा अधिकारी को आदेश देना  पड़ा है 



अनमोल ट्रेडिंग के संचालक  ने लगाए आरोप 
अनमोल ट्रेडिंग कंपनी के संचालक अभिषेक अग्रवाल द्वारा कलेक्टर को लिखे गए एक पत्र में लिखा है की लिटिल स्टेप स्कूल के प्रबंधक से कई बार सूची माँगने पर उन्होंने कहा की विद्यालय खुलने के समय सूची उपलब्ध कर दी जायेगी। कई बार माँगने के बावजूद प्रबंधक ने 23  जून को सूची वाट्सएप  के माध्यम से दी। सूची में दर्शाये  प्रकाशन से पुस्तकों की मांग करने पर प्रकाशक द्वारा बताया गया की पुस्तकों का स्टॉक ख़त्म हो गया है जबकि बालाजी ड्रग हॉउस द्वारा पुस्तके मंगाई गयी जिसका आर्डर 15  दिनों पूर्व ही जा चुका था लिटिल स्टेप स्कूल प्रबंधन ने अनमोल ट्रेडिंग संचालक और अन्य पुस्तक विक्रेताओं को भ्रमित किया।    

जिले में निजी विद्यालयों की संख्या
जिले में कुल 4 ब्लॉक हैं जिनमें प्राइमरी और उच्चतर माध्यमिक निजी विद्यालयों की संख्या दो सौ है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय प्राप्त दस्तावेजों में इन निजी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या लगभग 3 हजार के आसपास है। अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा और पुष्पराजगढ़ में प्राइमरी के 18, अपर प्राइमरी तक 111 और सेकेंडरी तक 30 व उच्चतर माध्यमिक स्तर लगभग 41 विद्यालय संचालित हैं। जिनमें से सर्वाधिक निजी विद्यालयों की संख्या जैतहरी ब्लाॅक में है।  

निजी विद्यालय की सूची में इन प्रकाशन की किताबें 
अभिषेक अग्रवाल ने बताया की शासन के आदेश के बावजूद कुछ अन्य निजी स्कूल भी निजी प्रकाशन की  महंगी  किताबें चला रहे हैं अशोका ,होलीफेथ ,नवबोध,ब्लूप्रिंट,आइकोनिक ,अरिहंत साइबर टेक अक्राडिक स्काई , मोदक और  टेन पॉइंटर आदि।  सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एक निजी स्कूल द्वारा जारी एक सूची में बिल्डिंग ब्लॉक बुक सेमेस्टर 1और 2 के लिए  कक्षा 1 के  एक किताब का मूल्य 1199 रुपये कक्षा 2  के  एक किताब का मूल्य 12 99 रुपये   कक्षा 3 के  एक किताब का मूल्य 13 99 रुपये कक्षा 4 की किताब का मूल्य 1499 रुपये है ये सभी किताबे स्काई पब्लिकेशन की हैं 
क्या है नियम
शिक्षा निदेशालय के गाइडलाइन्स के तहत निजी स्कूलों को नए सत्र में प्रयोग में आने वाले किताबों व अन्य स्टडी मटेरियल की कक्षावार सूची नियमानुसार स्कूल की वेबसाइट और विशिष्ट स्थानों पर पहले से ही प्रदर्शित करनी होती है ताकि अभिभावकों को इसके बारे में जागरूक किया जा सके. इसके अलावा स्कूल को अपनी वेबसाइट पर स्कूल के नजदीक के कम से कम 5 दुकानों का पता और टेलीफोन नंबर भी प्रदर्शित करना होता है, जहां से पेरेंट्स किताबें और स्कूल ड्रेस खरीद सकें. साथ ही शिक्षा निदेशालय की इस गाइडलाइन्स में ये भी स्पष्ट किया गया है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल कम से कम 3 साल तक स्कूल ड्रेस के रंग, डिजाइन व अन्य स्पेसिफिकेशन को नहीं बदल सकता है।

इनका कहना है 
पुस्तक विक्रेताओं को यथा संभव समय पर ही सूची दी गयी है कुछ पुस्तक विक्रेता दबाव बना कर अपनी ही दूकान से किताब विक्रय करना चाहते है उन्हें परेशानी होगी ही 
प्रशांत अग्रहरि, लिटिल स्टेप स्कूल


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