रिपोर्ट @संतोष कुमार मिश्रा
कही धोखे में तो नहीं हुई कार्यवाही
उमरिया --मध्यप्रदेश के हाई प्रोफाइल ग्राम पंचायत के सचिव जो कि उमरिया जिले के करकेली जनपद पंचायत के देवगवा खुर्द ग्राम पंचायत में पदस्थ होकर मनमर्जी का राज चला रहे हैं, जिनकी दर्जनों शिकायत कलेक्टर उमरिया समेत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पाली और जिला पंचायत उमरिया में रिकार्ड में दर्ज होने के बाद भी जिला पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारी अभय सिंह ओहरिया की कृपा दृष्टि के अभय वरदान के चलते ग्राम पंचायत में बिना गये, बिना काम किये एक सामाज्य काबिज किये हुए हैं है , और बिना काम किये ही दशको से वेतन भुगतान का लाभ लेकर ज्वाला धाम से ही हुकुमत चला रहे हैं। पिछले दिनों जनपद स्तरीय बैठक में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में ग्राम पंचायत की समीक्षा में देवगवा खुर्द की प्रगति संतोष जनक न पाये जाने के कारण अंततः जिला पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारी अभय सिंह ओहरिया ने कारण बताओं नोटिस जारी कर तीन दिवस के अन्दर जबाब मांगा है।यद्यपि समीक्षा बैठक के दौरान एक उपयंत्री समेत अन्य कई सचिवों को निलंबित करते हुए, कई सचिवों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है, उनमें यह भी शामिल हैं।ज्ञात होवे की यह पंचायत सचिव जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के आदेशों को कभी तव्वजो नहीं देते, यही वजह है कि अगर देखा जाये तो यह पंचायत सचिव कभी भी जनपद स्तरीय बैठक और जिला स्तरीय बैठको में भाग नहीं लेते , इस बैठक में भी वह अनुपस्थिति ही रहे। फिर भी मिली नोटिस में इस बात का उल्लेख नहीं किया गया । जैसे उपस्थित वालों को नोटिस दी गई थी उसी तरह इन्हें भी थमा दी गई जबकि बैठक में उपस्थित न होना, अपने आप में अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है, लेकिन जिला पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारी इन्हें कब तक इस तरह छूट देकर उपकृत करते रहेंगे यह तो वही जाने लेकिन इस छूट से पंचायत राज व्यवस्था की धज्जियां उड़ा कर रख दी है। इनके विरूद्ध हुई शिकायतों, बैठकों से अनुपस्थिति, ग्राम पंचायत में न जाना आदि सवालों से ही आज न्यूनतम विकास गति चल रही है। देखना लाजिमी होगा कि इस पर जिला पंचायत के मुखिया कार्यवाही करते हैं कि इस मामले को भी अन्य मामलों की भांति ठण्डे बस्ते में दफन कर दी जायेगी।
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