मिर्जा अफसार बेग
बिजुरी। क्षेत्र में एस.ई.सी.एल. कि कयी भूमिगत खदानें संचालित हैं। और इन भूमिगत खदानों में स्थायी एवं अस्थाई तौर पर श्रमिक मजदूरों से लम्बे वर्षों से काॅलरी प्रबंधन द्वारा कार्य लिया जा रहा है। लेकिन इन खदानों में कार्यरत अस्थायी श्रमिकों का शोषण भी काॅलरी प्रबंधन द्वारा लम्बे समय से किया जा रहा है। समय-समय पर इन श्रमिकों के शोषण के विरूध्द काॅलरी के तमाम यूनियन एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा आवाज उठायी तो जाती है। लेकिन इन जिम्मेदारों द्वारा अपना उल्लू सीधाकर कुछ दिनों में ही मामले पर चुप्पी साध लिया जाता है। जिससे अस्थायी श्रमिक मजदूर स्वयं को ठगा सा महसूस तो करते ही हैं। साथ ही काॅलरी प्रबंधनों के लापरवाहियों का भेंट भी आये दिन चढ़ते जा रहे हैं। और हादसे कि खबर आये दिन इन खदानों से सुनने को मिलता ही रहता है। जिसमें बहेराबांध स्थित भूमिगत खदान लापरवाहियों के मामले पर क्षेत्रभर में शीर्ष पर है। यह खदान हमेशा से ही नगर भर में सुर्खियां बटोरती है। फिर मामला चाहे मानसिक रूप से प्रताडि़त करने वाला वीडियो वायरल का हो या फिर आये दिन हो रहे हादसों का। बावजूद इसके बहेराबांध काॅलरी प्रबंधन द्वारा सुरक्षात्मक दृष्टी से श्रमिक मजदूरों के लिऐ खास पुख्ता इंतजाम नही किया जा रहा है। जिससे श्रमिक मजदूर आये दिन हादसों का शिकार होते जा रहे हैं। गत 31 अक्टूबर को भी ऐसे ही हादसे का शिकार दो ठेका श्रमिक मजदूर हो गये। बताया जाता है। कि राकेश केवट पिता जीवन निवासी ग्राम भगता एवं मोहन सिंह पिता बलदीन निवासी ग्राम दरसिला ठेका श्रमिक के रूप में बहेरांबाध खदान में कार्य कर रहे थे। जहां खदान अंदर किसी मशीन का चैन टूट जाने कि वजह से दोनों श्रमिक हादसों का शिकार हो गये। जिसमें एक श्रमिक को गम्भीर चोंटे आयी है। वहीं दूसरे कि हालत साथी मजदूर से थोडी़ ठीक है। घटना घटित हो जाने के बाद आनन-फानन में काॅलरी प्रशासन द्वारा मजदूरों को उपचार के लिऐ भेज दिया गया। किन्तु सवाल उठता है। कि आखिरकार कब तक ऐसे ही घटनाओं का शिकार होते रहेंगे काॅलरी मजदूर क्या काॅलरी प्रशासन इनकि सुरक्षा के लिऐ ठोस कदम उठायेगी या फिर अभी और हादसा होने कि प्रतीक्षा में हैं।
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