रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग
शहडोल । इस बेहताशा गर्मी में इंजीनियरिंग कॉलेज uit rgpv शहडोल की पहल पशु पक्षियों व मूक जानवरो के लिए 29 अप्रैल से प्रारंभ ,गर्मी पानी को अमृत के समान माना जाता है, मनुष्य को प्यास लगती है तो वह कहीं भी मांग कर पी लेता है, लेकिन मूक पशु पक्षियों को प्यास में तड़पना पड़ता है, हालांकि जब वे प्यासे होते हैं तो इधर उधर परेशान होते हैं। कुछ लोग पानी पिला देते हैं तो कुछ लोग भगा भी देते है। इस गर्मी में पशु पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए लोगों को हम सभी का एक छोटा सा प्रयास है उन्हें पानी पिलाने की जिम्मेदारी निभाने का,
गर्मियों में कई परिंदों व पशुओं की मौत पानी की कमी के कारण हो जाती है। लोगों का थोड़ा सा प्रयास हम सभी के द्वारा आस पास उड़ने वाले परिंदों की प्यास बुझाकर उनकी जिंदगी बचा सकता है। सुबह आंखें खुलने के साथ ही घरों के आस-पास गौरेया, मैना व अन्य पक्षियों की चहक सभी के मन को मोह लेती है। घरों के बाहर फुदकती गौरेया बच्चों सहित बड़ों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है। गर्मियों में घरों के आसपास इनकी चहचहाहट बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि लोग पक्षियों से प्रेम करें और उनका विशेष ख्याल रखें। जिले में गर्मी बढऩे लगी है। यहां का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पार हो गया है। आने वाले सप्ताह और जेठ में और अधिक गर्मी पडऩे की संभावना है। गर्मी में मनुष्य के साथ-साथ सभी प्राणियों को पानी की आवश्यकता होती है। मनुष्य तो पानी का संग्रहण कर रख लेता है, लेकिन परिंदे व पशुओं को तपती गर्मी में यहां-वहां पानी के लिए भटकना पड़ता है। पानी न मिले तो पक्षी बेहोश होकर गिर पड़ते हैं। उसी तारतम्य में हमने जो भी इस मुहिम में आना चाहते है उन्हें पक्षियों के आर्टिफिशियल पानी पीने का बर्तन बना कर लाना होगा साथ ही उसकी जिम्मेदारी दृढ़तापूर्वक निभानी होगी।
आज "summer drank camp" मुहिम के तहत मूक जानवरों वा पक्षियों के लिए सकोरे, नाद अटल गौ सेवा संस्थान के माध्यम से प्राचार्य महोदय व समस्त प्रोफेसर्स के उपस्थिति में रखाई गई साथ ही सभी इसकी जिम्मेदारी के निर्वहन हेतु सभी संकल्पबद्ध हुए।


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