रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग
*अनूपपुर, दिनांक 25 अप्रैल 2024, धार्मिक रस्मों को नजर अंदाज कर संविधान की शपथ लेकर अनूपपुर में एक जोड़े ने बगैर दहेज के शादी रचाई है, जिसकी चर्चा पूरे जिले में हो रही है. न दहेज का लेन देन हुआ और न ही बैंड बाजा बाराती दिखे. संविधान का शपथ लेकर आगे की जिंदगी गुजारने वाले शादी के बंधन में बंधे नरेंद्र और काजल का कहना है कि इस तरीके से शादी करने का निर्णय दोनों ने खुद लिया. इन जोड़े के अधिवक्ता नीरज नायक ने कहा की यह शादी देश और समाज में एक मेसेज जाएगा की बिना दहेज और लेन देन के बिना ही तथा बिना बैंड बाजा बारात की साधारण शादी भी किया जा सकता है, अधिवक्ता नीरज नायक ने कहा कि इस विवाह से अनेक खर्च कम किया जा सकता है, लड़की और लड़के दोनो पक्ष के जो बारात और सामाजिक रस्में रिवाज पर लाखो रुपए खर्च करतें है उन सभी को नजर अंदाज कर आज इन जोड़े ने समाज और देश को अच्छा मेसेज देने का काम किया है।
दरसअल यह अनोखी शादी बीते 25 अप्रैल को अनूपपुर के एक रजिस्ट्रार कार्यालय में सम्पन्न हुई. दतिया के बिजनेसमैन नरेंद्र और नर्सिंग कर रही काजल की शादी सम्पन्न हुई. इस शादी में न तो वैदिक मंत्रोच्चारण हुआ और न ही अग्नि को साक्षी मानकर दूल्हा दुल्हन ने सात फेरे लिये।
इस शादी में दूल्हा-दुल्हन एक दूसरे को माला पहनाने के बाद संविधान के विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत शपथ लेकर शादी के बंधन में बंध गए, इन जोड़े के अधिवक्ता नीरज नायक ने कहा जिसमे न बैंड बाजा बजा और न ही बारात निकली. इन जोड़े की शादी में दहेज की भी बात नही हुई. बगैर वैदिक मंत्रोच्चारण के, बिना अग्नि के साक्षी माने और बगैर फेरे के रजिस्ट्रार ऑफिसर संविधान की शपथ दिलवाई अनोखी शादी होने के कारण इसकी चर्चा सभी जगह खूब हो रही है।
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