रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग
जिले के बैंकों में हजारों प्रकरण लंबित
उमरिया --- किसानों की आय दोगुनी करने के लिए केंद्र सरकार व्दारा लागू की गयी पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना बैंक अधिकारियों की मनमानी का शिकार हो कर रह गई है । बताया जाता है कि पशु किसान क्रेडिट कार्ड के सैकड़ों किसानों के प्रकरण बैंको में लंबित पड़े हुए हैं, और किसान उसका लाभ लेने के लिए बैंकों के वर्षों से चक्कर लगाते थक हार गये, लेकिन उसका लाभ मृगतृष्णा बनी हुई है ।
ध्यान देने योग्य है कि किसानों की आमदनी दुगुना बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना बना कर किसानों को तीन लाख रुपए तक की राशि रियायत ब्याज दर पर उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है । इसे लागू कराने के लिए केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक आफ इंडिया के साथ लागू कराने के विधिवत निर्णय किया गया है ताकि क्षेत्रीय बैंकों को योजना को लागू करने में कहीं भी कोई समस्या न हो और यह योजना बैंकों की मनमानी के शिकार होकर धराशाई न हो पाये, लेकिन बैंकों की मनमानी और कमाऊ नीति के चलते केंद्र सरकार की यह किसानों की महती योजना आज भी धराशायी होकर रह गयी है ।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की यह योजना लघु ,माध्यम और बड़े किसानों के लिए उनकी आय बढ़ाने के लिए तीन लाख रुपए तक का ऋण रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध कराने का प्रावधान कर यह राशि एक साल की समयावधि के लिए प्रदान की जाती है । किसान इस धन राशि का उपयोग अपने पालतू पशुओं - जानवरों के रख रखाव के लिए कर सकते हैं और किसान एक वर्ष के अन्दर चार प्रतिशत ब्याज दर के साथ इस राशि को अपने सुविधा अनुसार जमा कर सकते हैं,लेकिन उमरिया जिले के बैंकों ने केंद्र सरकार की इस महती योजना को ठेंगा दिखाने का काम किया है ।
किसानों को इस योजना में बैंकों के चक्कर न लगाना पड़े, इसके लिए योजना में सारी बातों को साफ तौर पर स्पष्ट करते हुए प्रावधान किया गया है कि एक भैंस पर 60243, एक गाय के लिए 40783, बकरी -भेड के लिए 4063, अंडा देने वाली मुर्गी के लिए 720 रूपए के मान से इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
विदित होवे कि पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना जिले के बैंकों ने कुछ ही गिने चुने लोगों को पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ पहुंचाया है । इससे केंद्र सरकार की किसानों को समृद्ध बनाने और उनकी आय दोगुनी करने की योजना बैंकों में ही दम तोड़ती नजर आ रही है । देश की सरकार किसानों की समृद्धता में ही राष्ट्र की समृद्धता का सपना संजोये बैठी है उधर उनके उद्धार की योजनाएं अमल में आने के पहले ही जमीन में गड़ कर रह गई है। कहने को तो ब्लाक स्तरीय बी एल सी सी और जिला स्तरीय डी एल सी सी बैठकों में कलेक्टर, और अनुविभागीय अधिकारियों की अध्यक्षता में विधिवत बैंक अधिकारियों, विभागीय अधिकारियों की बैठकें आयोजित कर लक्ष्य अनुरूप हितग्राहियों को लाभान्वित करने का प्रावधान किया गया है , लेकिन जिले के अधिकारियों की बिसात ही क्या योजनाओं को धरातल पर मूर्त रूप दे सकें, प्रशासनिक अधिकारी की इसी उदासीनता से बैंक लक्ष्य अनुरूप कार्य नहीं करते फिर भी आज तक किसी बैंक अधिकारी के विरुद्ध कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं की गयी , बैठक का कोरम पूरा कर सब अपने कर्तव्यों की इंतिहा कर बैठते हैं ।देखना लाजिमी होगा कि पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना में किसानों को लाभ मिलेगा कि , योजना पल्लवित होने के पहले ही दम तोड देंगी ।
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