रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग
उमरिया- उमरिया वाले बाबा सुशील सिंंह जी का जन्मदिन प्रतिवर्ष भांति इस वर्ष भी बहुत ही मोहब्बत और एहतराम के साथ उनके चाहने वालों के द्वारा मनाया गया । बाबा जी के 61 वें जन्मदिने के अवसर पर दिन भर कार्यक्रम चलते रहे वही मंगल भवन परिसर में रात्रि कालीन हिंदुस्तान के मशहूर और मारूफ कव्वाल जुनैद सुल्तानी और उनके हमनवाओं ने तमाम रात कव्वाली की शानदार प्रस्तुति देकर उपस्थित श्रोताओ ,''दर्शको '' को मंत्र मुग्ध कर दिया । कव्वाल जुनैद सुल्तानी ने अपनी कव्वाली का आगाज हम्दो शना तू ही अल्लाह है तू ही भगवान है हर बसर तेरी रहमत पर कुर्बान है चाहे हिन्दु हो मुस्लिम हो इसाई हो पालने वाला सबका तू ही रहमान है के साथ करके कौमी एकता का संदेश दिया इसी के साथ एक से एक कव्वाली का सिलसिला जो शुरू हुआ जो निर्वाध रूप से चलता रहा छाप तिलक सब छीनी मोसे नयना मिलाइके, एक नजर किजिये गरीब नवाज लाज रख लीजियें । गरीब नवाज ख्वाजा गरीब नवाज की शान में जैसे ही कव्वाल ने कलाम पढ़ा उपस्थित स्टेज के सामने पहुंचकर श्रोताओ ने नोटो से खूब नवाजा।
*कड़कड़ाती ठंड के बौजूद रात भर जमे रहें श्रोता*
बाबा जी के जन्मदिन के अवसर पर शहर में कव्वाली की प्रस्तुति देने आये कव्वााल जुनैद सुल्तानी ने अपनी गायिकी के फन से दिसम्बर की कड़कड़ाती ठंड में भी महफिल मे बैठेे श्रोताओ को बांधे रखा कव्वाल एण्ड पार्टी ने रात भर कलाम और नज्म पेश कर तमाम रात अपनी मखमली आवाज का जादू बिखेरा ख्याति प्राप्त कव्वाल जुनैद सुल्तानी ने अपनी मशहूर और हिट कव्वाली कर्बला हिलाकर रख दिया और *हक निभाना मेरे हुसैन का है* जैसे ही पढ़ा श्रोताओ की भारी भीड़ झूम उठी और तालियो की गडग़डाहट के साथ कव्वाल की खूब प्रशंसा की । बताते चले की बाबा सुशील सिंह जी कार्यक्रम स्थल पर मौजूद रहें , कव्वाली का रंगारंग प्रोग्राम सुबह के 4.30 बजे तक चलता रहा उल्लेखनीय है कि उमरिया शहर में कव्वाली का प्रोग्राम देने आये मेहमान कलाकरो का स्टेज पर आयोजन समिति द्वारा फूल मालाओ एवं चादर भेंट कर स्वागत किया गया । कव्वाली प्रोग्राम को उमरिया जिले सहित आस पास के जिलो से कॉफी संख्या में लोग सुनने आये थे । यह प्रोग्राम शांति एवं सौह्दर्य पूर्ण रूप से संपन्न हुआ वही स्थानीय प्रशासन और कमेटी के पदाधिकारियों का कार्य सराहनीय रहा । ठंड को दृष्टिगत रखते हुये आयोजन कमेटी द्वारा श्रोताओ के लिए कार्यक्रम स्थल पर उमदा इस्तेजाम किये गये थे ।



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