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राज्य शासन के तबादला आदेश को ठेंगा दिखा रहा है सहायक यंत्री

 


मोहम्मद शकील 

शहडोल। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अर्थात (आर ई एस) में पदस्थ एक सहायक यंत्री इंद्रजीत तिवारी मध्य प्रदेश शासन के आदेश पर भी भारी पड़ रहा है। राज्य शासन द्वारा स्थानांतरित किए जाने के बावजूद सहायक यंत्री इंद्रजीत तिवारी 2 माह से शासन को ठेंगा दिखाते हुए जयसिंहनगर में कुंडली मारे बैठा है। राज्य शासन के स्पष्ट आदेश के बावजूद भी इसे अभी तक कार्यमुक्त नहीं किया गया है। सहायक यंत्री इंद्रजीत तिवारी को कार्यमुक्त ना किए जाने से कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं।

तबादला आदेश में यह है उल्लेख

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल की अवर सचिव शोभा निकुंज के हस्ताक्षर से क्रमांक 4354 दिनांक 31 अगस्त को प्रदेश के 63 सब इंजीनियरों का तबादला आदेश जारी किया गया था। इसमें सब इंजीनियर व शहडोल जिले के जयसिंहनगर में पदस्थ सहायक यंत्री (मनरेगा) इंद्रजीत तिवारी का तबादला बड़वानी के लिए किया गया था। इस तबादला आदेश में साफ-साफ उल्लेख है कि स्थानांतरण नीति वर्ष 2021-2022 की कंडिका 42 के अनुसार स्थानांतरित आदेश जारी होने के 2 सप्ताह के भीतर स्थानांतरित कर्मचारी को कार्यमुक्त किया जाना अनिवार्य है।

स्थानांतरित कर्मचारी यदि कार्य मुक्त नहीं होता है तो उसे दो सप्ताह के अंदर एक तरफा कार्यमुक्त कर दिया जाए। साथ ही यह उल्लेख भी है कि यदि उसका वेतन आहरित किया जाता है तो वह वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आएगा। लेकिन हैरत की बात है कि 31 अक्टूबर को दो माह बीत जाने के बाद भी सब इंजीनियर व सहायक यंत्री इंद्रजीत तिवारी अभी भी जयसिंहनगर में ही पदस्थ हैं। इतना ही नहीं स्पष्ट आदेश के बावजूद भी सहायक यंत्री श्री तिवारी का वेतन भी शहडोल से ही आहरित किया जा रहा है। 

अब सवाल यह उठ रहा है कि राज्य शासन के तबादला आदेश के बाद भी इस सहायक यंत्री को अभी तक रिलीव क्यों नहीं किया गया है। आखिर उसे शहडोल में रोके रखने के पीछे क्या राज है। कौन से ऐसे कारण हैं जिसके चलते सहायक यंत्री श्री तिवारी को जयसिंहनगर से चिपका कर रखा गया है। आखिर ऐसे कौन से काम है जिनके श्री तिवारी के चले जाने से उजागर होने का खतरा किसी को मंडरा रहा है। अब देखना यह है कि शासन के आदेश पर भारी पढ़ रहे सहायक यंत्री इंद्रजीत तिवारी को कब रिलीव किया जाता है।

सीईओ जिला पंचायत को रिलीव करना है 

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग शहडोल के अधीक्षण यंत्री ए पी सिंह से इस संबंध में जब चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि सहायक यंत्री मनरेगा इंद्रजीत तिवारी सीधे कार्यपालन यंत्री और सीईओ जिला पंचायत के अधीन है। स्थानांतरित सहायक यंत्री को सीईओ जिला पंचायत को ही रिलीव करना है क्योंकि वही रिलीविंग अथॉरिटी है। अधीक्षण यंत्री श्री सिंह ने बताया कि मेरी जानकारी के अनुसार कार्यपालन यंत्री ने फाइल जिला पंचायत को प्रेषित कर दी है।

रिलीविंग के लिए मैंने लिखा है-ई ई

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्यपालन यंत्री एच आर कोष्ठी से जब इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि मैं तो अभी अक्टूबर में ही शहडोल जिले में आया हूं। आते ही मुझे जैसे इस बात की जानकारी हुई मैंने सहायक यंत्री इंद्रजीत तिवारी को रिलीव करने के लिए सीईओ जिला पंचायत को फाइल भेज दी है।

वेतन निकाले जाने के संबंध में कार्यपालन यंत्री श्री कोष्ठी का कहना है कि यह मेरे पूर्व के पदस्थ कार्यपालन यंत्री आर के द्विवेदी के वक्त वेतन निकाला गया है इसलिए मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।

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