रिपोर्ट @सुशील कुमार प्रजापति
शहडोल । नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में काँग्रेस कार्यालय से निर्देश जारी किए गये है कि पार्षद पद के उम्मीदवारो को टिकट उम्मीदवार के वार्ड से ही दिए जाएं लेकिन धनपुरी नगर परिषद में काँग्रेस के कर्णधारों ने प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश को धता बताते हुए अधिकतर टिकट दूसरे वार्डो के प्रत्याशीयो को थमा दिया है। काँग्रेस चुनाव संचालन समिति के इस निर्णय से वार्ड के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी रोष है। संबंधित वार्ड के कई नेताओं ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।
*चुनाव संचालन समिति ने आपस मे किया टिकटों का बंदरबांट*
- शहडोल कांग्रेस की गुटबाज़ी वैसे भी पूरे प्रदेश में चर्चा में रहती है उसमें भी धनपुरी में तो गुटबाज़ी चरम सीमा में है।हर बार चुनाव से पहले गुटबाजी खत्म कर एकजुट होकर चुनाव लड़ने की कसमें कांग्रेस के नेता खाते है लेकिन जैसे ही चुनाव की घड़ी आती है सब कसमे वादे रफूचक्कर हो जाते है। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आजाद बहादुर सिंह की अध्यक्षता में धनपुरी में मीटिंग कर संचालन समिति का गठन किया गया था जिसमें 13 सदस्यों को शामिल किया गया था उस समिति में शामिल हनुमान खंडेलवाल, मुबारक मास्टर,आनंद मोहन जयसवाल,मोहम्मद आजाद, अशोक सिंह,शोभाराम पटेल, संतोष सिंह सेंगर, राम अशीष पटेल, और विनय सिन्हा ने स्वयं अपनी टिकट पक्की कर ली। बाकी 04 शेष संचालन समिति के सदस्यों में से नौशेरमा खान ने अपने समर्थक साबिर खान को वार्ड नंबर 23 से टिकट दिला दिया। बाकी 3 सदस्य भी अपने अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की जुगत लगा रहे है। इस प्रकार संचालन समिति में जिन नेताओ को रखा गया है उन्होंने आपस मे ही टिकट का बंदरबांट कर लिया।
*पी सी सी के निर्देशों की अवहेलना करके बांटे गए टिकट*-
शनिवार को पी सी सी से एक पत्र जारी किया गया कि संबंधित वार्ड के नेता को ही पार्टी द्वरा पार्षद का टिकट दिया जाएगा अन्य वार्डो से आकर लड़ने वाले नेता को टिकट नही दिया जाएगा वही सूत्रों के अनुसार इस निर्देश को दरकिनार करते हुए संचालन समिति ने टिकट बांटे जिसमे हनुमान खंडेलवाल जो वार्ड क्रमांक 1 के निवासी है उन्हें वार्ड क्रमांक 17 से, संतोष सिंह सिंगर जो वार्ड क्रमांक 11 के निवासी है उन्हें वार्ड क्रमांक 8 से,शोभाराम पटेल जो वार्ड क्रमांक 13 के निवासी है उन्हें वार्ड क्रमांक 3 से, राम आशीष पटेल जो वार्ड क्रमांक 24 के निवासी है उन्हें वार्ड क्रमांक 27 से मोहम्मद आजाद की बहू जो वार्ड क्रमांक 17 की निवासी है उन्हें वार्ड क्रमांक 22 से,आनंद मोहन जायसवाल एवं अशोक सिंह में से किसी एक को वार्ड क्रमांक 18 से टिकट दी जा सकती है जबकि दोनो ही वार्ड क्रमांक 18 के निवासी नही है। मुबारक मास्टर जो वार्ड नंबर 22 के निवासी है उन्हें वार्ड नंबर 16 से टिकट दिया जाना तय है। नगर परिषद धनपुरी के लिए गठित चुनाव संचालन समिति ने पार्षद पद के उम्मीदवारो का चयन कर सूची अनुमोदन के लिए प्रदेश कार्यालय भेज दी है। चयन समिति ने मनमाफ़िक प्रत्याशियों का चयन किया साथ ही सीटिंग पार्षदों के टिकट भी चुनाव संचालन समिति ने काट दिए।पूर्व का वार्ड क्रमांक 15 जिसे दो भागों में विभाजित किया गया है जो वर्तमान में वार्ड नंबर 17 एवं वार्ड नंबर 18 कहलाता है इस वार्ड से महिला पार्षद आरती जयसवाल का टिकट काट दिया गया है जबकि वह चुनाव जीत सकती है टिकट कटने से क्षुब्द आरती जयसवाल निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी है। इसी प्रकार पूर्व का वार्ड क्रमांक 2 जो अब विभाजित होकर वर्तमान में वार्ड नंबर 4 और वार्ड नंबर 5 हो चुका है वहा से महबूब खान पूर्व पार्षद की भी टिकट काट दी गई है जबकि महबूब खान जनता के बीच लोकप्रिय उम्मीदवार है उन्हें अगर टिकट दी जाती तो निश्चित रूप से वह चुनाव जीत सकते थे।
महबूब खान को टिकट नही मिलने से वह भी नाराज़ बताए जाते है उनकी नाराज़गी पार्टी को भारी पड़ सकती है और तो और सूत्रधारो का यह भी कहना है कि कांग्रेस वार्ड नंबर 4 और वार्ड नंबर 22 दोनो चुनाव हार सकती है। वार्डनंबर 22 के सीटिंग पार्षद मुबारक मास्टर को उनके वार्ड से हटाकर वार्ड क्रमांक 16 में भेजे जाने की कवायद समझ से परे वार्ड वासियों का कहना है कि वार्ड क्रमांक 22 से मुबारक मास्टर नहीं तो किसी वार्ड के ही नेता को ही मौका दिया जाना चाहिए था जबकि वार्ड क्रमांक 22 से बाहरी प्रत्याशी को लाकर कांग्रेश अपने पैर में कुल्हाड़ी मार रही है जिस तरह से कांग्रेस पार्टी द्वारा टिकटों का वितरण किया गया है उससे तो यही लगता है कि कांग्रेस कि परिषद बनना मुश्किल है बताते चलें कि जिन वार्डों में बाहरी प्रत्याशी पार्टी द्वारा उतारे जा रहे है वहाँ जनता के मन मे भी भारी रोष है लगभग सभी वार्डो में कांग्रेस के वार्ड के ही नेता निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर चुके है।ऐसे में लगता है कि काँग्रेस का परिषद में अपनी सरकार बैठाने का सपना कही सपना ही न रह जाये।



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