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परशुराम जयंती पर ब्राह्मण घनश्याम शर्मा पत्रकार की हुंकार — “न्याय, धर्म और सत्य की कलम ही असली ब्रह्मास्त्र”

 


रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग

भगवान परशुराम जयंती के पावन पर्व पर क्षेत्र के निर्भीक व ब्राह्मण घनश्याम शर्मा  ने जनसमाज को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि परशुराम जी केवल ब्राह्मणों के नहीं, अपितु न्यायप्रिय, साहसी और सत्यनिष्ठ व्यक्तियों के आदर्श हैं। आज का पत्रकार यदि परशुराम के तेज, विवेक और धर्म-रक्षण भाव को आत्मसात कर ले, तो समाज में कोई भी अन्याय, भ्रष्टाचार और पाखंड टिक नहीं सकता।

ब्राह्मण घनश्याम शर्मा ने कहा:

आज के दौर में कलम ही वह फरसा है, जो अन्याय पर प्रहार कर सकता है। भगवान परशुराम की सीख हमें यह बताती है कि जब व्यवस्था अन्यायपूर्ण हो जाए, तो धर्म और समाज की रक्षा हेतु खड़ा होना ही ब्राह्मणत्व है  और यही सच्ची पत्रकारिता भी है।"

इस अवसर पर उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता सिर्फ खबर लिखने का कार्य नहीं, बल्कि एक सामाजिक तप है, जो परशुराम के तप-तेज से ही ऊर्जा पाता है। उन्होंने पत्रकारों से अपील की कि वे निष्पक्षता, सत्य और धर्म के मार्ग पर डटे रहें, चाहे सामने कितना भी बड़ा सत्ता-पक्ष क्यों न हो।

सांस्कृतिक आयोजन और पत्रकारों की भूमिका:

नगर में परशुराम जयंती पर शोभायात्रा, यज्ञ, कथा, वेदपाठ और सामाजिक सेवा जैसे आयोजन किए गए। पत्रकारों की मौजूदगी ने आयोजन को नई गरिमा दी। ब्राह्मण घनश्याम शर्मा ने यज्ञ में आहुति देते हुए परशुराम की प्रेरणा से “पत्रकारिता धर्म” का पालन करते रहने का संकल्प लिया।


-शुभकामना संदेश पत्रकार घनश्याम शर्मा की ओर से):

भगवान परशुराम की कृपा से कलम को वह शक्ति मिले जो हर अत्याचार पर सीधा प्रहार कर सके। आप सभी को परशुराम जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं  धर्म, सत्य और न्याय के पथ पर अडिग रहें!”


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