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मीडिया में प्रकाशित समाचारों के बाद नगर परिषद अध्यक्ष ने कलेक्टर को सौंपा पत्र

 


रिपोर्ट @अजय रस्तोगी 

अनूपपुर = नगर परिषद बनगवां (राजनगर) के वार्ड क्रमांक 01 स्थित शासकीय उचित मूल्य दुकान में अमानक स्तर की खाद्य सामग्री — विशेषकर कीड़ा युक्त चावल के वितरण को लेकर उपजे जनआक्रोश और पूर्व में प्रकाशित समाचारों के आधार पर नगर परिषद अध्यक्ष यशवंत सिंह ने दिनांक 26 मई 2025 को कलेक्टर एवं जिला आपूर्ति अधिकारी को पत्र सौंपा है। पत्र क्रमांक 123/2025 के माध्यम से उन्होंने वितरण व्यवस्था की जांच कर निगरानी समिति गठित करने की मांग की है।

*अध्यक्ष ने किया निरीक्षण, पत्र में दी चेतावनी जनहानि और स्वास्थ्य पर खतरे की जताई आशंका*

पत्र में उल्लेख है कि शिकायत मिलने के बाद अध्यक्ष ने दिनांक 25 मई 2025 को उपाध्यक्ष, पार्षदगण, सफाई कर्मचारी एवं दुकान के सेल्समैन के साथ मौके पर निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान खाद्यान्न सामग्री में कीड़े पाए जाने की पुष्टि हुई। उन्होंने पत्र में लिखा कि अमानक स्तर की खाद्य सामग्री का वितरण हितग्राहियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है, जिससे जनहानि की संभावना बनी हुई है।

*प्रशासन ने की कार्यवाही अमानक चावल की खेप बदली गई मौके पर पहुंची जांच टीम, वितरण रोका गया*

नगर अध्यक्ष के पत्र और मीडिया रिपोर्ट्स के बाद आज प्रशासन की टीम उचित मूल्य दुकान पर जांच के लिए पहुंची। खाद्य अधिकारी अलका पटेल ने मौके पर अमानक चावल का मुआयना किया। उन्होंने बताया कि खराब चावल की खेप को तत्काल प्रभाव से वितरण से रोक दिया गया है और उसे बदलने के निर्देश दिए गए हैं। प्रभावित चावल को हटाकर दूसरी दुकान से नई खेप मंगाने के आदेश भी दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जांच अभी लंबित है और प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही वस्तुस्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

*जनहित में निगरानी समिति गठन की मांग भविष्य में गड़बड़ियों की रोकथाम के लिए अध्यक्ष का प्रस्ताव*

अपने पत्र के माध्यम से बंनगवा अध्यक्ष यशवंत सिंह ने खाद्यान्न वितरण की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए निगरानी समिति गठन का आग्रह किया है, जिससे भविष्य में इस प्रकार की गड़बड़ियों को रोका जा सके। साथ ही संबंधित सेल्समैन की भूमिका की भी जांच कर उचित कार्यवाही की मांग की गई है।

*जिम्मेदार अधिकारियों को भेजी गई प्रतिलिपि*

नगर परिषद अध्यक्ष द्वारा यह पत्र अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), कोतमा तथा तहसीलदार, कोतमा को भी सूचनार्थ प्रतिलिपि के रूप में भेजा गया है। पत्र में निरीक्षण और जनहित से जुड़ी बातें दर्ज की गई हैं।


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