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बिजुरी में सूदखोरों की चंगुल में आमजन

 


रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग 

*एक जूता व्यवसायी बना कर्ज के जाल का मास्टरमाइंड-*

*गरीब तबका, ग्रामीण और कालरी कर्मी बन रहे शिकार-प्रशासन मौन*

अनूपपुर जिले की औद्योगिक नगरी बिजुरी में इन दिनों सूदखोरों की बढ़ती सक्रियता आमजन के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गई है। खासकर कालरी कर्मचारियों, ग्रामीणों और निम्न आय वर्ग के लोग इन सूदखोरों के कर्ज-जाल में उलझकर मानसिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर पीड़ित हो रहे हैं। जिसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि नगर में एक जूता व्यवसायी, जो बाहर से एक प्रतिष्ठित व्यापारी की छवि बनाए हुए है, दरअसल इस पूरे कर्ज कारोबार का प्रमुख संचालक बताया जा रहा है। यह व्यवसायी नाम मात्र की दुकानदारी कर, खुद को समाज में व्यापारी के रूप में स्थापित करने का ढोंग करता है, जबकि असलियत में वह भारी ब्याज दरों पर गरीबों को कर्ज देकर उनकी विवशता का शोषण करता है।

*बैंक लोन के नाम पर ठगी और दलाली-*

सूत्रों की मानें तो यह व्यक्ति लोगों को बैंकों से लोन दिलाने का झांसा देता है, बदले में मोटी दलाली वसूल करता है। कई बार खुद का पैसा भी भारी ब्याज पर देकर मजबूर लोगों को अपने शिकंजे में फंसा लेता है। स्थिति यह है कि कई पीड़ित अपनी ज़मीन, ज़ेवर और घर तक गिरवी रख चुके हैं, लेकिन सूद का चक्र खत्म होने का नाम नहीं ले रहा।

*पूर्व में हो चुकी है कार्रवाई, अब फिर सक्रिय-*

बताया जाता है कि पूर्व में जब जिले में पुलिस अधीक्षक रहे अखिल पटेल ने सूदखोरी के खिलाफ अभियान चलाया था, तब यह व्यवसायी भी जांच के दायरे में आया था। कुछ समय के लिए इसकी गतिविधियां धीमी पड़ीं, लेकिन अब यह पुनः पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है और पहले से ज्यादा शातिर तरीके से लोगों को फंसा रहा है।

*प्रशासन की चुप्पी, पीड़ितों की बेबसी-*

बावजूद इसके कि नगर में यह मामला आम चर्चा का विषय बना हुआ है, प्रशासन और पुलिस की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। सूदखोरों के खिलाफ सख्त कानून मौजूद हैं, लेकिन उनका पालन करवाने की गंभीरता इनमें बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रही है।

*जरूरत है सख्त कार्रवाई की-*

नगरवासियों और समाजसेवियों का कहना है कि यदि समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो यह प्रवृत्ति और भी खतरनाक रूप ले सकती है। गरीब और ईमानदार लोग बर्बाद होते रहेंगे और सूदखोर फलते-फूलते रहेंगे।



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