रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग
अन्नदाताओं की उन्नति में ही राष्ट्र की समृद्धि निहित है। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष श्री दिलीप पांडे जी ने कहा कि किसानों की उन्नति के बिना भारत का विकाश संभब नही है। किसानों की आय डबल करने हेतु भाजपा सरकार दृढ़ संकल्पित है। कृषि को लाभ का धंधा बनाने कृषकों के जीवन की दिशा और दशा में सकारात्मक परिवर्तन करने हेतु डबल इंजन की सरकार समर्पित है। जिस हेतु महत्वपूर्ण योजनाएं बनाकर उनका सफलता पूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है। भारत के प्रथम केंद्रीय सहकारिता मंत्री आदरणीय श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में सहकारिता विभाग युद्ध इस्तर पर कार्य कर रहा है। सहकारी समितियों को शशक्त समृद्ध एवं पारदर्शी बनाया जा रहा है। सहकारी बैंकों को आधुनिक बनाया जा रहा है। डिजिटल किया जा रहा है। समितियों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा जा रहा है। किसानों को सरलता पूर्बक खाते खोलने पैसा जमा -निकाशी सहित बीमा आदि योजनाओं का लाभ मिल रहा है। सहकारी बैंकों में भर्तियां भी हुई है जिससे योग्यता को उड़ान भी मिली है। राष्ट्रीय सहकारिता नीति - 2025' जारी कर दी गई है। बतौर गृह मंत्री अमित शाह जी के कामकाज को लेकर बहुत बात होती रही है, लेकिन सहकारिता मंत्री के रूप में वो जो इतिहास रच रहे हैं उसपर कम ही चर्चा होती है। आदरणीय शाह जी की नीतियों से किसानों के जीवन मे महत्वपूर्ण बदलाव होने वाला है। गृह मंत्री के रूप में आप माँ भारती के हितों वा राष्ट्र के हितार्थ प्रभुश्रीसीताराम जी का वरदान है। आपमे निर्णय लेने की अद्भुत एवं दिव्य छमता है। चाहे धारा 370 खात्मे की बात हो या नक्सलबाद के समाप्ति की। चाहे देश मे शांति इस्थापित करने की बात हो या देश विरोधियो का इलाज करने की। चाहे भटके हुए को पटरी पर लाने की बात हो या अलगाववादियो को तोड़ने की, माननीय अमित शाह जी सभी बीमारियों का कारगल इलाज करने में विसेसज्ञ है।
श्री पांडे ने कहा कि नई नीति जारी होने के बाद अब ऐसा प्रतीत होता है कि न केवल 2034 तक देश की GDP में सहकारिता के योगदान को तीन गुना बढ़ाने में सफलता मिलेगी, बल्कि 2047 तक जिस 'विकसित भारत' का सपना PM नरेंद्र मोदी जी ने देखा है उसमें भी सहकार क्षेत्र क्रांतिकारी योगदान देगा। टैक्सी सेवाओं में सहकारिता श्री साह जी के दिमाग की उपज है और इसमें पूरी कमाई चालक को जाएगी। पंचायतों में PACS (पैक्स) अब पेट्रोल-डीजल की दुकानें खोल रहे हैं, जन औषधि केंद्र का संचालन कर रहे हैं, 'हर घर नल' व 'पीएम सूर्यघर योजना' के प्रबंधन कार्य देख रहे हैं। कुल मिलाकर यह नीति ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था वा उन्नति किसानों की समृद्धि को पंख प्रदान करेगी। नीतियों में ही सफलता छिपी रहती है। जब पवित्र और सेवा भाव से कार्य किया जाता है तब हरिहर कृपा से सफलता हिलोरे मारती है। अब किसानों के हाथों में कार्य भी होगा और बिचौलिए भी समाप्त होगें कुल मिलाकर किसानों का हितो को यह नीति संरक्षण प्रदान करेगी। फ़िलहाल ये लक्ष्य तय किए हैं:
हर तहसील में पाँच मॉडल सहकारी गाँव- हर गाँव में कम से कम एक सहकारी समिति (PACS, डेयरी, मत्स्य, आदि)
- सहकारी समितियों की संख्या में 30% वृद्धि (वर्तमान में 8.30 लाख ऐसी समितियाँ हैं)
- - 50 करोड़ सक्रिय सदस्य सहकारी क्षेत्र से जोड़े जाएँगे
- युवा वर्ग के लिए रोजगार सृजन को बढ़ावा। सहकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसपर विभिन्न राज्यों में विभिन्न घरानों ने माफिया की तरह कब्ज़ा कर रखा था और राजनीतिक रसूख के कारण उनको कोई छू तक नहीं पाता था। बीते वर्ष तीन महत्वपूर्ण किसान हितैषी कानून केंद्र सरकार ने बनाये थे जिसके बाद बिचौलियों में दहसत और बौखलाहट इस्पस्ट रूप से देखी गई थी। हलाकि आदरणीय अमित शाह जी पर इन बातों का कोई प्रभाव नही पड़ता। आप दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प शक्ति से कार्य करते है। जो किसानों के लिए उचित होगा आप हर क़ीमत पर उस कार्य को करेंगे ही। अमित जी अलग मिट्टी के बने हैं। जो उन्हें दिखता है, वो शायद ही किसी को दिखता है। और कहीं गड़बड़ी दिख गई तो उसको ठीक करते ही करते हैं।
0 Comments