रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग
गेंहू की फसल भा रही हाथियों को
वन विभाग जागरूक करने उतरा मैदान में
बिरसिंहपुर पाली--- पाली वन परिक्षेत्र के बेली गांव में जंगली हाथियों का जत्था बीते दिनों से डेरा जमाये हुए हैं । बताया जाता है कि जंगली हाथियों का एक जत्था मंगलवार की शाम से बेली को अपना डेरा डाल रखे हैं। वन परिक्षेत्र अधिकारी पाली ने बेली ग्राम और आसपास के क्षेत्रों में जागरूकता फैलाने का काम हाथ में लिया है।वह सभी नागरिकों को हाथियों से बचने के तौर तरीकों पर उद्घोष कर के हर लोगों तक हाथियों के संकट से बचने की सलाह दी जा रही है ।बताया जाता है कि यह हाथियों का झुंड राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ की ओर से आने की संभावना बताई जा रही है , गांव के लोगों ने बताया कि हाथी रात भर गेंहू की फसल को नुक्सान पहुंचाया, फिर हाथियों का झुंड परसौरा की जंगल की ओर जाने के पद चिन्ह मिले थे ,जो शाम तक दुबारा वापस आ गये । आज वन विभाग की टीम ने हाथियों के जत्थे को दुबारा जोहिला नदी तक खदेड़ कर राष्ट्रीय उद्यान का रास्ता पकड़ा दिया। बताया जाता है कि बेली गांव के किसानों की फसल को चौपट कर रहे हैं जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान अरूण यादव और बबलू यादव के गेंहू की फसल को पहुंचाते हुए खेत के खेत उजाड़ दिये है । गेंहू की फसल के साथ ही हाथियों का जत्था खेत से घर के पास बाड़ियों तक पहुंच कर सब्जी,गोंभी को भी चट कर गए । बेली गांव में हाथियों के उत्पात की सूचना वन विभाग के साथ राजस्व विभाग के तहसीलदार को देते हुए नुकसानी के आंकलन की मांग की गयी है । राजस्व अमले ने हल्का पटवारी को भेजकर नुकसानी का जायजा लिया है। देखने में आया है कि एक लंबे अरसे से जंगली जानवरों के व्दारा किसानों की फसलों को नष्ट किया जा रहा है, लेकिन किसानों को कभी भी नुकसानी की भरपाई नहीं की जाती । अपेक्षा है कि जंगली जानवरों के साथ मानव की समस्याओं के प्रति भी प्रशासन सजग हो ,और उनके मूल्यों की कीमत समझे । उचित होगा कि प्रशासन अपने जंगली जानवरों को जंगल में ही रोक थाम कर उन्हें पालने पोसने और पल्लवित करे तो यह मानव जीवन के लिए उत्तम होगा । मानवीय मूल्यों की संवेदनशीलता के साथ विचार कर उन्हें बचाने की चिंता होनी चाहिए ।
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