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मुख्यमंत्री समाधान की शिकायतों का फोर्स क्लोज से हो रहा समाधान

 





रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग

सरल, सुगम, संतुष्टि जनक न्याय की जगह शिकायत कर्ता को लग रही निराशा


उमरिया -----जन सामान्य की जटिल समस्याओं के शीघ्र और संतुष्टि जनक निराकरण के उद्देश्य के लिये 31 जुलाई 2014 को मुख्यमंत्री हेल्प लाइन का शुभारंभ किया गया था, मुख्यमंत्री हेल्प लाइन लागू करने के पीछे  मध्यप्रदेश के यशस्वी पूर्व मुख्यमंत्री की मंशा यह थी कि जिम्मेदार पदों पर बैठे नौकर शाहो की मनमानी पूर्ण कार्य शैली पर लगाम लगाया जा सकें और जनता को सरल और जल्द न्याय मिल सकें। जो लोग लंबी लड़ाई नहीं लड सकते उन सबको न्याय दिलाने का काम इस हेल्प लाइन के जरिये होगा और प्रदेश के भिन्न भिन्न जगहों, कार्यालयों में जनता के साथ क्या हो रहा है इसकी भी समीक्षा हेल्प लाइन के जरिये की जा सकती है। यही वजह है कि सी एम हेल्प लाइन की शिकायत क ई चरणों से गुजरते हुए जन सामान्य को न्याय  मिल सकें। सी एम हेल्प लाइन से न्याय मिला भी है, लेकिन वर्तमान दौर में सीएम हेल्प लाइन में की गयी शिकायतों का निराकरण फोर्स क्लोज के जरिये किये जाने से जन सामान्य  की न्याय की जगह निराशा हाथ लग रही है। देखने में आया है कि सी एम हेल्प लाइन लगने के बाद उसे निपटाने की प्रक्रिया शुरू होती है, या तो शिकायत कर्ता को अधिकारी - कर्मचारी अपने प्रभाव में लेकर इन शिकायतों का  निराकरण किया जाता है या कि उससे काम नहीं बना, तो अधिकारी इन शिकायतों को फोर्स क्लोज करा देते हैं, जबकि होना यह चाहिए कि सी एम हेल्प लाइन में दर्ज शिकायतों की विधि वत जांच उपरांत मामले में शिकायत पर क्या पाया गया, क्या कार्यवाही हुई, आदि  बिन्दुओं पर फोकस किया जाना चाहिए, लेकिन नौकरशाहों ने फोर्स क्लोज में यह लिखकर की शिकायत का समाधान कर दिया गया है, लिख कर अपने किये भष्ट्राचार पर अपने ही हाथ से प्रशस्ति पत्र जारी कर लेता है, जन सामान्य के अन्दर इससे निराशा ही हाथ लगती है।
सी एम हेल्प लाइन के लागू होने के 11 वर्षों में 15 मई 2025 को शाम 5.30 बजे तक लगभग 3,16,84,540 शिकायत सी एम हेल्प लाइन में दर्ज पायी गयी जिनमें से निराकृत समस्याओं का आंकड़ा 3,10,79,296 पायी दर्ज की गयी है , इससे साफ जाहिर होता है कि अभी भी अनसुलझी शिकायतों की संख्या 6,05,244 है, और जो शिकायतों का निराकरण किया गया है उनमें से ज्यादातर समाधान फोर्स क्लोज के माध्यम से पाया जाता है। सी एम हेल्प लाइन प्रकरणों की समीक्षा के दौरान जिमेदार हुक्मरानों ने फोर्स क्लोज के जरिये समाधान के आंकड़े तैयार किये जा रहे हैं। बताया जाता है कि जो मामले आर्थिक अपराध, भष्ट्राचार, वि
भागीय गडबडियो के होते हैं उन मामलों को दबाने के लिए ही ज्यादातर फोर्स क्लोज प्रक्रिया अपनायी जाती है।

फोर्स क्लोज पावर का हुक्म रान कर रहे दुरूपयोग

सीएम हेल्प लाइन में शिकायतों के निराकरण के लिए सबसे पहले लेबल एक अर्थात संबंधित विभाग के स्थानीय अधिकारी के पास पहुचती है जिन्हें लगभग एक सप्ताह का अवसर दिया जाता है, इस पर निराकृत नहीं होने पर  शिकायत लेबल -2 , लेबल-3 और लेबल-4 तक क्रमशः पहुचती है, हालांकि इस बीच अधिकारी लेबल -2 से ही शिकायतों को फोर्स क्लोज कर समाधान के झूठे आंकड़े दिये जाने लगते हैं। शिकायत की वास्तविकताओं से इन अधिकारियो को कोई लेना देना नहीं ,शिकायत का हल कैसे निकाला जाये इस बात पर जोर दिया जाता है, शिकायत का वास्तविक हल निकालने में अगर इन अधिकारियों की रूचि होती तो समाधान बेहतर होते और  दोषियों को उसके लिए दण्ड भी भुगतना पड़ता,लेकिन ऐसा न कर जिम्मेदार अधिकारी झूठे तौर पर शिकायतों को फोर्स क्लोज कर देते हैं, जिससे शिकायत कर्ता को न संतुष्टि मिलती और न ही वास्तविक रूप से समस्या का समाधान मिल पाता।

उमरिया जिले में भी फोर्स क्लोज का खेल

उमरिया जिले में भी सी एम हेल्प लाइन में दर्ज शिकायतों मे फोर्स क्लोज का खेल जारी है, आप सी एम हेल्प लाइन के जरिये अपनी समस्या निपटाना चाहे तो वह अत्यंत कठिन और दुरूह काम है, बतौर शिकायत कर्ता हर्ता आपको विभागीय अधिकारी अपने प्रभाव में लेकर आपसे शिकायत का निराकरण हो गया कह कर बंद करा दिया जाता है, अगर इससे बात नहीं बनी तो अधिकारी खुद ही यह उल्लेख कर की शिकायत का निराकरण कर दिया गया है, समाधान का आंकड़ा बढ़ा दिया जाता है जबकि दर असल उस मामले में किया कुछ भी नहीं जाता। होना यह चाहिए कि शिकायत के बिंदुओं पर सूक्ष्म तम तरीके से जांच पडताल कर मामले में पाया क्या गया, कार्यवाही हुई तो क्या हुई, जांच प्रतिवेदन, की गयी कार्यवाही के आदेश की प्रति ही शिकायतों को फोर्स क्लोज किया जाना चाहिए, लेकिन हर एक मामले में एक ही जुमला की शिकायत पर कार्यवाही की जा चुकी है, अतः शिकायत बंद की जाये। उमरिया जिले में ऐसी हजारों शिकायतों को फोर्स क्लोज किया जा चुका है। प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री मोहन यादव जी को सी एम हेल्प लाइन की गरिमा को बनाये रखने के लिए सिस्टम को अपडेट कर इन सारी बारीकियों पर नजर रखनी पडेगी, साथ ही अपने हुक्मरानों को सी एम हेल्प लाइन की शिकायतों के फोर्स क्लोज पर रोक लगाने के आवश्यक दिशा निर्देश प्रसारित करने होंगे। इन हुक्मरानों की चले तो सी एम हेल्प लाइन को ही फोर्स क्लोज करके सदा के लिए बल्ले बल्ले कर ले।




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