रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग
न्याय की फरियाद लिए दर दर भटक रहा किसान
उमरिया---- उमरिया जिले के करकेली जनपद पंचायत में पदस्थ उपयंत्री राजेश त्रिपाठी की अकुशल कार्य शैली, गैरजिम्मेदारी और लापरवाही का खामियाजा उनके कार्य क्षेत्र के सरपंच सचिवों और हितग्राहियों को भुगतने के मामले तो आये दिन सुनने में आते रहते हैं, अभी हाल में ही करकेली जनपद के ग्राम पंचायत में एक नया मामला प्रकाश में में आया है,जो जांच होने के पहले ही दफन कर दिया गया। मामले के संबंध में बताया जाता है कि गत वर्ष धनवार ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर बांध पडरिया नाला में बनाया गया है। इस बांध की ऊचाई इतनी बढा दी गई है कि बांध के समीपी किसान मुकुटधारी की ढाई एकड़ कास्तकारी भूमि सरोवर बांध के पानी में डूब जाती है, और पीड़ित किसान को अपूरणीय छति हो रही है। जब गंगा जल संवर्धन के बांध निर्माण का काम चल रहा था, तभी पीड़ित किसान ने बांध की ऊँचाई कम करने की मांग ग्राम पंचायत की सरपंच और सचिव से की गयी थी, लेकिन पीड़ित की दबी- आवाज को अनसुनी कर दी गई, अगर समय रहते उसकी बात सुनी गयी होती तो यह सुविधा आज समस्या बनकर न उभरी होती। इस समस्या के निदान की प्रथम दृष्टया जिम्मेदारी इन सरपंच -सचिव की ही बनती है, लेकिन गैर जिम्मेदार प्रशासन अपनी मौज मस्ती में इतना मस्त है कि भूखे प्यासे लोगों को न्याय दिलाने की चिंता ही नहीं है।
पीड़ित किसान अपनी फरियाद लेकर जिले के आला अधिकारियों की चौखट में माथा रगडते- रगडते थक हार कर बैठ गया है, लेकिन उसे न्याय मिलता नहीं दिख रहा है।
पीड़ित किसान ने बताया कि धनवार गाँव की मेरी कृषि भूमि आराजी खसरा नंबर 405/2 रकबा 2.60 एकड़ भूमि पर वर्ष 2024 की खरीफ फसल में सोयाबीन की फसल लगायी गई थी, जो कि बांध मे पानी भर जाने के कारण सड कर नष्ट हो गई है। इस बात की शिकायत पीड़ित किसान के व्दारा अपनी पीडा लेकर कलेक्टर उमरिया की जन सुनवाई में 14-1-25 को की गयी, जिसकी पावती क्र 06 है, इस पर कोई कार्यवाही न होने के कारण फरियादी ने पुनः कलेक्टर उमरिया की जन सुनवाई में 21-1-25 को भाग लेकर शिकायत दर्ज कराई गयी जिसका क्र 44 है और यह शिकायत माननीय कलेक्टर उमरिया ने मुख्य कार्य पालन अधिकारी, जनपद पंचायत करकेली को जांच हेतु प्रेषित की गयी ,लेकिन इन शिकायतों का कोई असर दिखाई नहीं दिया, जिस पर पीड़ित के व्दारा अपनी पीडा मुख्यमंत्री हेल्प लाइन में दर्ज कराई गयी थी जिसका क्र 30551679 और 291744 के माध्यम से की गयी थी , जिस पर राजेश त्रिपाठी उपयंत्री करकेली ने फसल की नुकसानी के भरपाई करने का आश्वासन देकर मुझसे शिकायत को 05-2-25 को शाम 4 बजे विलोपित करा दिया गया, लेकिन उनके व्दारा आज तक फसल की नुकसानी के नाम पर फूटी कौड़ी भी नहीं दी।
उल्लेखनीय है कि देश की यशस्वी सरकारे अन्नदाता के हितों की ढिढोरा पीटती घूम रही है, वही एक अन्नदाता आज अपने जायज मांग के लिए सरकार के इन नुमांइदो की चौखट में माथा टेकते घूम रहा है पर उसकी पीडा को देखने -सुनने वाला कोई नहीं है। जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की इस कार्य शैली से न सिर्फ एक अन्नदाता की घोर उपेक्षा हुई है, इससे सरकार के व्दारा जन सुनवाई कार्यक्रम की भी पोल खोलकर रख दी है। बताया जाता है कि जिले में उन्ही मामलो में कार्यवाहियां की जाती है, जिनसे जरा सी चूक हो जाये और वह अधिकारियों की जेब भरने में असमर्थ साबित हो जाये, नहीं तो जनसुनवाई और सी एम हेल्प लाइन भी भष्टाचारियो से पीडितो को न्याय नहीं मिल पाता।
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