Ticker

6/recent/ticker-posts

वित्तीय घोटाले मामले में एफ आई आर पर उच्च न्यायालय ने लगायी रोक

 


रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग

उमरिया ---- उमरिया जिले के पाली विकास खंड शिक्षा कार्यालय में हुए दो करोड़ साठ लाख रूपये के वित्तीय घोटाले के आरोपियों के विरूद्ध कलेक्टर उमरिया व्दारा दिये गये एफ आई आर के मामले में उच्च न्यायालय जबलपुर ने फिलहाल रोक लगा दी है। विदित होवे कि खंड शिक्षा कार्यालय में वित्तीय घोटाले की जांच जारी है, जांच पूरी होने के पहले ही कलेक्टर उमरिया ने प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए धनकर लेखापाल, राम बिहारी पाण्डेय प्रभारी प्राचार्य सुन्दर दादर, को इस वित्तीय अनियमितता के लिए दोषी मानते हुए पद से निलंबित कर दिया गया था, साथ ही बालेन्द व्दिवेदी कम्प्यूटर आपरेटर को बर्खास्त कर दिया गया था। मालुम होवे कि खंड शिक्षा अधिकारी राणा प्रताप सिंह को पद से हटाते हुए सहायक संचालक जन जातीय कार्य विभाग में तैनात करते हुए मध्यप्रदेश शासन के यहाँ अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव भेजा गया है।  यद्यपि इस मामले में कलेक्टर उमरिया के आदेश के विरूद उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है, फिर भी उन्हें अभी तक खंड शिक्षा कार्यालय के पद पर वापसी नहीं हुई है। वित्तीय गबन के इस मामले मे जुडे चार लोगों के विरूद्ध कलेक्टर उमरिया ने एफआईआर दर्ज करने के विरूद्ध आदेश प्रसारित किये गए थे जिस पर धनेन्द गुप्ता जो कि सेवा निवृत्त लेखापाल थे, उच्च न्यायालय जबलपुर की शरण ली है, जिस पर माननीय उच्च न्यायालय के न्याय मूर्ति विशाल मिश्रा की खंड पीठ ने कलेक्टर उमरिया के एफआईआर पर रोक लगा दी है, साथ ही आपने अहम फैसले में जांच पूरी हुए एफआईआर दर्ज नही की जा सकतीं है मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी, तब तक के लिए कलेक्टर के आदेश पर विराम लगा दिया गया है। देखा जा रहा है कि कलेक्टर उमरिया धरणेन्द जैन के कई आदेशों पर उच्च न्यायालय ने रोक लगाते हुए उन्हें विधि संगत कार्यवाही के आदेश प्रसारित किये जा चुके हैं ।


Post a Comment

0 Comments