रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए
शहडोल। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश तिवारी ने शहडोल - उमरिया सड़क 9 वर्षों में 73 किलोमीटर भी ना बन पाने को आश्चर्यजनक करार देते हुए कहा है कि यह देश के लिए आश्चर्य की बात है कि सड़क निर्माण की आधुनिक साधन होने के बावजूद 9 वर्षों में भी शहडोल -उमरिया सड़क नहीं बन पाई।
कैलाश तिवारी ने कहा है कि यह रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करने योग्य है तथा संभाग वासियों को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए। हो सकता है कि इस कारण से यह सड़क दो-तीन वर्षों में बनकर तैयार हो जाए। इस सड़क की विशेष बात यह भी है कि जितनी सड़क बन रही है। उससे ज्यादा खराब भी हो रही है जगह-जगह उखड़ रही है।
इस निर्माण के लिए जहां एक और ठेकेदार तो दोषी है ही दूसरी ओर सरकारी विभाग के निरीक्षण कर्ता इंजीनियर भी कम दोषी नहीं है ।दोनो की
सांठ गांठ सिद्ध करती है कि अगर लेनदेन का साथ हो तो कहीं भी मनमानी की जा सकती है।यह इसका ज्वलंत उदाहरण है। संभाग में पदस्थ अधिकारी इस मामले को इस तरह देखते हैं कि मानो यह किसी दूसरे देश का मामला हो।
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