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श्रावण मास के शुभारंभ होते ही जगह जगह शिवालयों में शिवभक्तों की धूम: श्रीधर शर्मा

 


रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग 

 _सावन मास में शिव भक्तों का लगा अंबार, कावड़ियों ने शुरू की अमरकंटक यात्रा_  

अमरकंटक / मां नर्मदा की पावन भूमि पवित्र नगरी अमरकंटक में पवित्र सावन मास के शुभारंभ होते ही चारों

ओर का वातावरण एक अलग शोभा बिखेरते हुए सुसज्जित नज़र आ रहा है। अमरकंटक की पावन भूमि पर शिवभक्त समस्त प्रकार की कुरीतियों और मनभेद इत्यादि का त्याग कर शुद्ध मन से माँ नर्मदा और शिव जी के दर्शन के लिए भारी संख्या में आ रहे हैं और अपने आराध्य देव श्री शिव के दर्शन कर माँ नर्मदा के पवित्र व शीतल जल की शीतलता से भगवान शिव का अभिषेक कर स्वयं को कृतार्थ कर रहे हैं। परम धर्म सांसद श्रीधर शर्मा श्रीधर शर्मा ने बताया कि अमरकंटक में चारों ओर भक्तों के आवागमन, दुकानों के सजने, माँ नर्मदा के दरबार में नर्मदा आरती होने और धार्मिक अनुष्ठानों के संपन्न होने के कारण आज अमरकंटक की छवि अविस्मरणीय और अलौकिक

प्रतीत होती है। परम् धर्म सांसद श्रीधर शर्मा से हुई खास बातचीत के दौरान मिली जानकारी के अनुसार ऐसी अवमानना है कि सावन मास के किसी एक सोमवार में मां नर्मदा स्वयं शिव जी के अभिषेक के लिए आती हैं और शिव जी के उस मंदिर में पूरे एक दिन के लिए पानी का स्तर बढ़ जाता है और शिवलिंग पूरी तरह से जलमग्न हो जाता है। इस सुंदर घटना के अलौकिक दृश्य के दर्शन मात्र से ही भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन धन्य हो जाता है। सावन मास के आगमन पर लोगों के मन प्रफुल्लित और हर्षित होकर अमरकंटक की शोभा में चार चांद लगा रहे हैं। सावन में वर्षा की बूंदों से सिंचित होकर अमरकंटक की वनस्पतियों में एक अलग सा निखार दिखाई देता है, जो कि लोगों के मन को अलौकिक शांति प्रदान करता है। मां नर्मदा की अलौकिकता और मां नर्मदा के पावन आंचल के तले समूचा अनूपपुर जिला एवं मध्यप्रदेश प्रगति पथ पर अग्रसर है और मां नर्मदा के आशीर्वाद से अभिसिंचित होकर फलफूल रहा है। मां नर्मदा की पावन धरा संतो के लिए तपोस्थली है और मां नर्मदा की गोद में कई संत लम्बे समय से तपस्या कर रहे हैं और इस पृथ्वी के उद्धार के लिए प्रयासरत हैं। मां नर्मदा कोई पर्यटन स्थल नहीं अपितु भक्ति और प्रभु प्राप्ति का स्थान है।




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