रिपोर्ट @प्रवीण कुमार तिवारी
*अधिकारी नही करते निगरानी,अधीक्षक कर रहे मनमानी*
उमरिया जिले के पाली विकाश खंड में ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग दर्जनों छात्रावास ऐसे हैं जहां छात्रावासों और आश्रमों में अधीक्षक रात में नहीं ठहरते, जिससे छात्रों की सुरक्षा भगवान भरोसे हो जाती है. शासन के नियमों के अनुसार, अधीक्षकों की यह जिम्मेदारी होती है कि वे रात में भी छात्रावासों और आश्रमों में बच्चों के साथ रहें ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। अधीक्षकों के रात में न ठहरने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि सुरक्षा व्यवस्था की कमी या अन्य व्यक्तिगत कारण. हालांकि, यह एक गंभीर समस्या है क्योंकि इससे छात्रों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है.
अधिकारियों निगरानी करनी चाहिए कि क्या अधीक्षक रात के छात्रों के बीच रहते या अपने घर जाकर आराम फरमाते हैं।
*एक ही जगह पर लंबे समय से टिके हुए हैं अधीक्षक*
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि छात्रावासों और आश्रमों में अधीक्षक, एक ही जगह पर लंबे समय तक जमे रहना भी एक समस्या है. इससे छात्रों को नए दृष्टिकोण और अनुभव नहीं मिल पाते हैं.
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