रिपोर्ट @मिर्जा अफसार बेग
जर्जर हुआ मंदिर नहीं ले रहा कोई सुध
अमलाई/ प्राप्त जानकारी में नगर परिषद के बीचो-बीच स्थित अमली कैंप शिव मंदिर आज पिछले 15 सालों से जर्जर होकर धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा जिसके लिए ना कोल इंडिया ना मध्य प्रदेश शासन और ना ही नगर परिषद कोई नेता व्यापारी आगे आ रहे हैं जन चर्चा और मीडिया के माध्यम से हमेशा मांग की जा रही है कि नगर के इस सबसे प्राचीनतम शिवालय को चारों तरफ बाउंड्री करके विशाल स्टेज निर्माण कराया जाए और मंदिर की रंगरोगन करके कायाकल्प किया जाए।
लंबे समय से मंदिर के कमेटी के सचिव देखरेख करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद साहनी ने बताया कि यह मंदिर हमारे बचपन 80 के दौर में यहां के रहने वाले मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कर्मचारी और आम जनता के सौजन्य से बनाया गया था बहुत सारा सहयोग उस समय कोल इंडिया के द्वारा भी मिला था लेकिन अब यह मंदिर देख-रेख के अभाव में पुरानी हार्रर फिल्मों का पुराना मंदिर होता जा रहा है उस समय इस कॉलोनी में लगभग 100 घर थे और वह हर कार्यक्रम में जमकर चंदा देते थे चाहे दुर्गा जी रखना हो गणेश जी रखना हो और उन्ही लोगों के सौजन्य से एक यहां भव्य स्टेज भी था जो गिर चुका है। और मंदिर में पुताई ना होने के कारण यह दिन प्रतिदिन गंदा और काला होता जा रहा है ।
अधिवक्ता साहनी ने बताया कि अब यहां कॉलोनी पूरी खाली हो चुकी है अब दाता लोग नहीं रह गए हैं इस संबंध में उन्होंने वरिष्ठ भाजपा नेता और नगर परिषद अध्यक्ष परिवार के मुखिया रविंद्र गुप्ता भूरा सेठ से जुलाई अगस्त में चर्चा मे कहा था कि इस मंदिर का विकास कार्य कराया जाए उन्होंने तब यह आश्वासन दिया था कि यह मंदिर अगले शिवरात्रि तक बनकर कंप्लीट हो जाएगा और तत्काल उन्होंने इंजीनियर से चर्चा भी किया था कि यहां पर लगभग ₹3 लाख रुपए का स्टेज भी बनेगा। जो अभी तक यह कार्य नहीं पूरा हुआ है हालांकि उन्होंने इस क्षेत्र में लाइट लगवाने के लिए कहा था और वह कार्य वो और पार्षद दोनों लोगों ने मिलकर कर दिया ।यहां के स्थानीय पार्षद पवन चीनी द्वारा जो हमेशा छोटे-मोटे कार्य जन सेवा का करते रहते हैं उनके द्वारा भी इस मांग को परिषद के समक्ष उठाया गया है अगर स्टेज एवं बाउंड्री बाल निर्माण के साथ मंदिर का पुताई रंग रोगन कर दिया जाए तो फिर से चमक उठेगा इसके लिए स्थानीय पार्षद को भी बीड़ा उठानी पड़ेगी आम जनता को आगे आना पड़ेगा और नगर परिषद अध्यक्ष एवं व्यापारी कर्मचारी सभी को आगे आना होगा अगर नगर परिषद की अध्यक्ष चाहे तो ₹500000 स्वीकृत कर तत्काल इस मंदिर की कायाकल्प कर सकते हैं अब देखना है कि पार्षद और नगर परिषद अध्यक्ष के साथ इस प्राचीनतम शिवालय को कायाकल्प के लिए कौन-कौन से हांथ आगे आते हैं।


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